चींटी और टिड्डा की कहानी हिंदी में | The Ant And The Grasshopper Story In Hindi

चींटी और टिड्डा की कहानी हिंदी में | The Ant And The Grasshopper Story In Hindi पढ़िए और इस मज़ेदार कहानी से जीवन की महत्वपूर्ण सिख सीखें। यह कहानी बच्चों के लिए उपयोगी है।

चींटी और टिड्डा की कहानी हिंदी में

एक बार की बात है। गर्मी का मौसम था और एक चींटी कड़ी मेहनत से अपने लिए अनाज जुटा रही थी। दरअसल, वह सोच रही थी कि धूप तेज हो जाए, इससे पहले क्यों न अपना काम पूरा कर लिया जाय।

चींटी कई दिनों से इस काम में जुटी थी। वह रोजाना खेत से उठाकर दाने अपने बिल में जमा करती थी। वहीं, पास में ही एक टिड्डा फुदक रहा था। मस्ती में वह नाच रहा था। गाने गाकर जिंदगी के मजे ले रहा था।

चींटी और टिड्डा की कहानी हिंदी में | The Ant And The Grasshopper Story In Hindi
चींटी और टिड्डा की कहानी हिंदी में | The Ant And The Grasshopper Story In Hindi

पसीने से तरबतर चींटी अनाज ढोते-ढोते थक चुकी थी। पीठ पर अनाज लेकर बिल की तरफ जा रही थी, तभी टिड्डा फुदककर उसके सामने आ गया। बोला, प्यारी चींटी… क्यों इतनी मेहनत कर रही हो। आओ मजे करें।

चींटी ने टिड्डे को नजरअंदाज किया और खेत से उठाकर एक-एक दाना अपने बिल में जमा करती रही।

मस्ती में डूबा टिड्डा चींटी को देखकर हंसता और मजाक उड़ाता। उछलकर उसके रास्ते में आकर कहता, प्यारी चींटी आओ मेरा गाना सुनो। कितना बढ़िया मौसम है। ठंडी हवा चल रही। सुनहरी धूप है। क्यों मेहनत करके इस खूबसूरत दिन को बर्बाद कर रही हो। टिड्डा की हरकतों से चींटी परेशान हो गई।

उसने समझाते हुए कहा, सुनो टिड्डा- ठंड का मौसम कुछ दिन बाद ही आने वाला है। तब खूब बर्फ गिरेगी। कहीं भी अनाज नहीं मिलेगा। मेरी सलाह है, अपने खाने का इंतजाम कर लो।

धीरे-धीरे गर्मी का मौसम खत्म हो गया। मस्ती में डूबे टिड्डे को पता ही नहीं चला कि गर्मी कब खत्म हो गई। बारिश के बाद ठंड आ गई। कोहरे और बर्फबारी की वजह से बमुश्किल सूरज के दर्शन हो रहे थे।

टिड्डे ने अपने खाने के लिए बिल्कुल भी अनाज नहीं जुटाया था। हर ओर बर्फ की मोटी चादर पड़ी थी। भूख से टिड्डा तड़पने लगा।

टिड्डे के पास बर्फबारी और ठंड से बचने का भी इंतजाम नहीं था। तभी उसकी नजर चींटी पर पड़ी। अपनी बिल में चींटी मजे से जमा किए हुए अनाज खा रही थी। तब टिड्डे को एहसास हुआ कि समय को बर्बाद करने का उसे फल मिल चुका है।

भूख और ठंड से तड़पते टिड्डे की फिर चींटी ने मदद की। खाने के लिए उसे कुछ अनाज दिए। चींटी ने ठंड से बचने के लिए खूब घास-फूस जुटाए थे। उसी से टिड्डे को भी अपना घर बनाने के लिए कहा।

यह कहानी से हमने सीखा

अपने काम को मेहनत और लगन के साथ करना चाहिए। उस वक्त भले ही लोग मजाक उड़ाएं, लेकिन बाद में वे ही तारीफ करेंगे।

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