दोस्तों इस लेख में, हमने CBSE Samvad Lekhan In Hindi For Class 9 में यह लेख तैयार की है, यदि आप भी कक्षा 9 के विद्यार्थी हैं और बातचीत करने के लिए संवाद लेखन की तलाश में हैं, तो यह लेख आपकी बहुत मदद करेगी। इसमें मैंने Samvad Lekhan For Class 9 के लिए रखा है, ताकि आपकी पढ़ाई अच्छे से हो सके और आप संवाद आदि प्रतियोगिता में भाग लेकर जीत सकें।
Table Of Contents
Samvad Lekhan In Hindi For Class 9
“Samvad Lekhan” कक्षा 9 के विद्यार्थी के लिए हिंदी भाषा के अध्ययन में शामिल एक सामान्य विषय है। यह दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच संवाद या वार्तालाप लिखने की कला को संदर्भित करता है। यह अभ्यास विद्यार्थी को उनके लेखन कौशल को बढ़ाने में मदद करता है और हिंदी व्याकरण और शब्दावली पर उनकी पकड़ में सुधार करता है। तो बस लेख को नीचे स्क्रॉल करें और CBSE Samvad Lekhan For Class 9 Hindi पढ़ें और जानकारी प्राप्त करें।
संवाद लेखन के उदाहरण
1) संवाद: “गरीबी और अमीर के बीच”
गरीब (ग): नमस्ते, सर! कैसे हो आप?
अमीर (अ): नमस्ते! मैं ठीक हूँ, धन्यवाद। और तुम?
ग: मैं भी ठीक हूँ, सर।
अ: तुम्हें मेरे घर के साथ कुछ समस्याएँ हैं क्या? मैं सुना है कि तुम गरीब हो।
ग: हाँ, सर, हम गरीब हैं। हमारे पास बहुत कम धन है और हमें रोज़ अपने जीवन की न्यूनतम आवश्यकताएँ पूरी करनी होती हैं।
अ: मुझे खेद है, यह सुनकर। क्या तुम अपने जीवन के लिए कुछ बदलने की कोशिश कर रहे हो?
ग: हाँ, सर, हम बेहतर जीवन की ओर कदम बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे बच्चों की शिक्षा के लिए हम पूरी कोशिश कर रहे हैं।
अ: यह सही है, शिक्षा महत्वपूर्ण है। और तुम्हारे बच्चे कैसे हैं?
ग: मेरे बच्चे बहुत पढ़ाई में अच्छे हैं, सर। वे अधिकाधिक पढ़ाई करने के इच्छुक हैं।
अ: यह अच्छी खबर है! शिक्षा से ही तुम्हारे बच्चों का भविष्य बेहतर हो सकता है।
ग: हाँ, सर, हम यही सोच रहे हैं।
अ: आपका यह संघर्ष मुझे प्रेरित कर देता है, गरीब।
ग: धन्यवाद, सर, हम अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत कर रहे हैं।
अ: मैं तुम्हारे सफल होने की कामना करता हूँ, गरीब! तुम अपने प्रयासों में निरंतर बने रहो।
ग: धन्यवाद, सर! आपकी शुभकामनाएँ हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं।
अ: कोई भी समय आपकी मदद की आवश्यकता हो तो कृपया मुझसे मिलो, मैं यहाँ हूँ।
ग: धन्यवाद, सर! आपकी बड़ी मेहनत और साथीदारी के लिए।
संवाद लेखन कक्षा ९ विद्यार्थी के लिए हिंदी में
2) संवाद: “चाय वाला और ग्राहक के बीच”
चाय वाला (च): नमस्ते, भैया! एक कप चाय पियेंगे?
ग्राहक (ग): हाँ, बिल्कुल, एक मसाला चाय दो कृपया।
च: बिल्कुल, भैया! तो, आपका दिन कैसा बीत रहा है?
ग: अच्छा चल रहा है, धन्यवाद। थोड़ी ठंडी हो रही है, तो चाय की आदत ने फिर से बढ़ा दी।
च: हाँ, ठंड में चाय अच्छी लगती है। आपकी मसाला चाय तैयार है, यह देखिए।
ग: बहुत धन्यवाद, भैया! आपकी चाय हमेशा ही अच्छी होती है।
च: धन्यवाद, आपकी प्रशंसा के लिए। आपके लिए कुछ बिस्किट्स या स्नैक्स हो जाएंगे?
ग: नहीं, धन्यवाद, बस चाय ही काफी है।
च: ठीक है, जब आपको और कुछ चाहिए तो बस बोल देना।
ग: ज़रूर, भैया, आपकी मेहनत के लिए हमें बड़ी खुशी है।
च: आपके साथ बात करके खुशी हुई, भैया! धन्यवाद आपके समर्थन के लिए।
ग: धन्यवाद, भैया, आपका सेवा सदैव महत्वपूर्ण होता है। हम फिर मिलेंगे।
च: ज़रूर, भैया! आपका आगमन स्वागत है, धन्यवाद!
Samvad Lekhan In Hindi For Class 9 Question
3) संवाद: “फेरीवाला और महिला के बीच”
फेरीवाला (फ): नमस्ते, मैडम! कहाँ जाना है आपको आज?
महिला (म): नमस्ते! मुझे बाजार जाना है, भैया।
फ: ठीक है, मैडम! किस बाजार में जाना है आपको?
म: मैं नगर बाजार जा रही हूँ, भैया।
फ: ठीक है, आपका सामान यह रख दूँगा। क्या आपको कुछ खास चाहिए?
म: जी हां, मुझे एक किलो प्याज और दो किलो टमाटर चाहिए, कृपया।
फ: ठीक है, मैडम! आपके लिए तैयार करता हूँ।
म: और हां, क्या आपके पास ताजगी की ग्वावा है?
फ: खेत से ताजगी की ग्वावा आई है, मैडम! आपको कितनी चाहिए?
म: दो किलो कृपया, और एक पैकेट अदरक और लहसुन की।
फ: ठीक है, मैडम! आपके लिए सब कुछ तैयार है।
म: धन्यवाद, भैया! आपकी सेवा के लिए।
फ: आपका आगमन स्वागत है, मैडम! कैसे रहे आप?
म: मैं ठीक हूँ, धन्यवाद। और आप?
फ: मैं भी ठीक हूँ, मैडम! आपके लिए हमेशा यहाँ हूँ, आपकी सेवा के लिए।
म: बहुत धन्यवाद, भैया! आपका साथीदारी हमें हमेशा प्रसन्न करती है।
कक्षा ९ के विद्यार्थियों के लिए हिंदी में संवाद लेखन
4) संवाद: “सुबह की हवा कैसी होती है” – 4 दोस्तों के बीच
दोस्त 1 (द1): वाह, सुबह की हवा कितनी स्वच्छ और ताजगी से भरी होती है, ना?
दोस्त 2 (द2): हाँ, सही कहा! यह तो एक नई शुरुआत की भावना देती है।
दोस्त 3 (द3): सुबह की हवा बिल्कुल अलग होती है, रात की अंधकार के बाद।
दोस्त 4 (द4): यही वजह है कि मैं सुबह उठकर खुली आसमान के नीचे चलकर व्यायाम करता हूँ।
द1: हाँ, व्यायाम करने का मजा सुबह को ही कुछ और है।
द2: और फिर वो ताजगी भरी हवा जो सांसों में महसूस होती है, वो निर्मल हौसला देती है।
द3: सुबह की चाय के साथ बैलन्स और प्राथमिकता भरी बातें करना भी अच्छा लगता है।
द4: हाँ, वो एक खास अनुभव होता है। सुबह की हवा हमें नई ऊर्जा और उत्साह देती है।
द1: सुबह की हवा वाकई हमारे दिन की शुरुआत को खास बनाती है।
Samvad Lekhan In Hindi For Class 9 Example
5) संवाद: “हाथी और चींटी के बीच”
हाथी: नमस्ते, चींटी! तुम कैसी हो?
चींटी: नमस्ते, हाथी! मैं ठीक हूँ। तुम बड़े दिनों बाद दिखे!
हाथी: हां, मैं कुछ समय के लिए अपनी यात्रा पर गया था। तुम्हारा कैसा चल रहा है?
चींटी: मेरा जीवन बहुत आसान हो गया है, हाथी! चींटियों के बीच काम करना बहुत आरामदायक है।
हाथी: यह सुनकर अच्छा लगा। हम हाथियों के लिए काम करना कठिन होता है, लेकिन हम बहुत मज़बूत होते हैं।
चींटी: हाँ, हाथियों का काम बहुत मुश्किल होता है। लेकिन तुम बहुत समझदार होते हो।
हाथी: धन्यवाद, चींटी! तुम्हारी छोटी छोटी उम्र में ही तुम बहुत कुछ सीख लेती हो।
चींटी: हां, हम चींटियों का संगठन बहुत मज़बूत होता है और हमें साथ काम करने में खुशी मिलती है।
हाथी: यह अच्छा है, चींटी! बच्चों के बारे में क्या खबर है?
चींटी: हमारे बच्चे भी सही हैं, हाथी! वे स्वयं से काम करने में रुचि रखते हैं।
हाथी: यह अच्छा है कि तुम्हारे बच्चे स्वयं से सीख रहे हैं।
चींटी: हां, हाथी, हम अपने बच्चों को जिम्मेदार और समझदार बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
हाथी: यह अच्छा है, चींटी! तुम एक अच्छे माता-पिता हो।
चींटी: धन्यवाद, हाथी! हम बहुत खुश हैं कि हम एक-दूसरे के साथ हैं।
हाथी: हां, चींटी, यह दोस्ती हमारे बीच बहुत ख़ास है।
Samvad Lekhan In Hindi For Class 9 Topic
6) संवाद: “लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के बीच”
लालू प्रसाद यादव: नमस्ते, नीतीश! यह बड़ा समय हो गया है, हम दोनों बात नहीं किए।
नीतीश कुमार: नमस्ते, लालू जी! हां, यह सच है कि हमने बहुत समय बाद बात की है।
लालू प्रसाद यादव: कैसे चल रहा है बिहार का स्थिति?
नीतीश कुमार: बिहार में हाल के चुनावों में हमने अच्छे परिणाम प्राप्त किए हैं, लेकिन सब कुछ अब भी बड़े चुनौतीपूर्ण है।
लालू प्रसाद यादव: हम जानते हैं कि बिहार के लिए विकास के कई मुद्दे हैं। हमें मिलकर काम करना चाहिए ताकि हम बिहार को और भी बेहतर बना सकें।
नीतीश कुमार: हां, लालू जी, आपके बिना कुछ हो सकता है, लेकिन हमें सहयोगी बनकर काम करना होगा।
लालू प्रसाद यादव: हम दोनों की आवश्यकता है, नीतीश जी, ताकि हम बिहार की समृद्धि के लिए साथ मिलकर काम कर सकें।
नीतीश कुमार: बिहार के लोग हमारे से उम्मीद करते हैं, और हमें उनकी उम्मीदों को पूरा करने के लिए मिलकर काम करना होगा।
लालू प्रसाद यादव: बिहार के लिए हमारी साझा दृढ़ इच्छा है, नीतीश जी, और हम इसे हासिल कर सकते हैं।
नीतीश कुमार: हां, लालू जी, हम दोनों के साथ काम करने का अच्छा मौका है और हमें यह साझा लक्ष्य पूरा करना होगा।
लालू प्रसाद यादव: अच्छा है, नीतीश जी! हम साथ मिलकर बिहार को प्रगति की ओर बढ़ा सकते हैं।
नीतीश कुमार: हां, लालू जी, हमारे साथ मिलकर हम बिहार के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं।
संवाद लेखन कक्षा 9 वर्कशीट
प्रश्नः 1) बाढ़ आने से कई गाँव जलमग्न हो गए हैं। दो मित्र उनकी सहायता के लिए जाना चाहते हैं। उनके बीच हुए संवाद का लेखन कीजिए।
उत्तरः
- पंकज – अमर! क्या तुमने आज का अखबार पढ़ा?
- अमर – नहीं, क्या कोई विशेष खबर छपी है?
- पंकज – हाँ बाढ़ के कारण कई गाँव पानी में डूब रहे हैं। खेतों में पानी भरने से फसलें डूब रही हैं।
- अमर – ऐसे में लोगों को बड़ी परेशानी हो रही होगी?
- पंकज – लोग जैसे-तैसे अपने सामान और मवेशियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
- अमर – ऐसो की मदद के लिए हमें तुरंत चलना चाहिए। वे जहाँ भी हैं, उनकी मदद करनी चाहिए।
- पंकज – मैं अपने मित्रों के साथ कुछ कपड़े, खाने की वस्तुएँ, मोमबत्ती, माचिस आदि इकट्ठा करके आज दोपहर तक पहुँच जाना चाहता हूँ।
- अमर – यह तो बहुत अच्छा रहेगा। मैं अपने साथियों से कहूँगा कि वे कुछ रुपये भी दान स्वरूप दें, ताकि उनके लिए पानी की बोतलें और ज़रूरी दवाइयाँ खरीदा जा सके। पंकज – तुमने बहुत अच्छा सोचा है। क्या तुम भी मेरे साथ चलोगे?
- अमर – मैं अवश्य साथ चलूँगा और मुसीबत में फँसे लोगों की मदद करूँगा।
- प्रश्नः 2) परीक्षा के एक दिन पूर्व दो मित्रों की बातचीत का संवाद लेखन कीजिए।
उत्तरः
- अक्षर – नमस्ते विमल, कुछ परेशान से दिखते हो?
- विमल – नमस्ते अक्षर, कल हमारी गणित की परीक्षा है।
- अक्षर – मैंने तो पूरा पाठ्यक्रम दोहरा लिया है, और तुमने?
- विमल – पाठ्यक्रम तो मैंने भी दोहरा लिया है, पर कई सवाल ऐसे हैं, जो मुझे नहीं आ रहे हैं।
- अक्षर – ऐसा क्यों?
- विमल – जब वे सवाल समझाए गए थे, तब बीमारी के कारण मैं स्कूल नहीं जा सका था।
- अक्षर – कोई बात नहीं चलो, मैं तुम्हें समझा देता हूँ। शायद तुम्हारी समस्या हल हो जाए।
- विमल – पर इससे तो तुम्हारा समय बेकार जाएगा।
- अक्षर – कैसी बातें करते हो यार, अरे! तुम्हें पढ़ाते हुए मेरा दोहराने का काम स्वतः हो जाएगा। फिर, इतने दिनों की मित्रता कब काम आएगी।
- विमल – पर, मैं उस अध्याय के सूत्र रट नहीं पा रहा हूँ।
- अक्षर – सूत्र रटने की चीज़ नहीं, समझने की बात है। एक बार यह तो समझो कि सूत्र बना कैसे। फिर सवाल कितना भी घुमा-फिराकर आए तुम ज़रूर हल कर लोगे।
- विमल – तुमने तो मेरी समस्या ही सुलझा दी। चलो अब कुछ समझा भी दो।
प्रश्नः 3) नोटबंदी से परेशान दो लोगों की बातचीत को संवाद रूप में लिखिए।
उत्तरः
- राघव – अरे हेमू! सुबह-सुबह कहाँ जा रहे हो?
- हेमू – क्या बताऊ राघव, बैंक तक जा रहा हूँ?
- राघव – पर सुना है, बैंक में आजकल बहुत भीड़ हो रही है। लोगों की लंबी-लंबी लाइनें लगी हैं।
- हेमू – ठीक कह रहे हो, तभी तो सवेरे-सवेरे जा रहा हूँ लाइन में लगने।
- राघव – सरकार ने नोटबंदी का जो आदेश दे रखा है, उसी का यह परिणाम है।
- हेमू – पर इससे हम मज़दूरों को बड़ी मुश्किल हो रही है। कल भी काम छोड़कर लाइन में लगा था और आज काम छूटेगा।
- राघव – कुछ ही दिनों की परेशानी है। पर सरकार कहती है इससे काले धन पर अंकुश लगेगा।
- हेमू – वह तो ठीक है, परंतु हम गरीब तो भूखो मरने को विवश हो रहे हैं। एक ओर मजदूरी नहीं मिलती दूसरी ओर दिनभर लाइन लगाओ।
- राघव – सरकार ने यह कदम भविष्य के फायदे के लिए उठाया है।
- हेमू – पर हमें तो अपना आज भी अच्छा नहीं दिख रहा है।
- राघव – धैर्य रखो हेमू, सब ठीक हो जाएगा।
- हेमू – आशा तो मैं भी यही करता हूँ। भगवान करे सब ठीक हो जाए और आज मेरा लाइन में लगना सार्थक हो जाए।
प्रश्नः 4) अपने-अपने जीवन लक्ष्य के बारे में दो मित्रों की बातचीत को संवाद रूप में लिखिए।
उत्तरः
- रंजन – मित्र चंदन! बारहवीं के बाद तुमने क्या सोचा है?
- चंदन – मित्र रंजन! मैंने तो अपना लक्ष्य पहले से ही तय कर रखा है। मैंने डॉक्टर बनने के लिए पढ़ाई भी शुरू कर दिया
- रंजन – डॉक्टर ही क्यों?
- चंदन – मैं डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहता हूँ।
- रंजन – पर सेवा करने के तो और भी तरीके हैं ?
- चंदन – पर मुझे यही तरीका पसंद है। डॉक्टर ही रोते-तड़पते मरीज के चेहरे पर मुसकान लौटाकर वापस भेजते हैं।
- रंजन – पर कुछ डॉक्टर का भगवान का दूसरा रूप नहीं कहा जा सकता है?
- चंदन – पर मैं सच्चा डॉक्टर बनकर दिखाऊँगा पर तुमने क्या सोचा है, अपने जीवनलक्ष्य के बारे में?
- रंजन – पर इतनी मेहनत तो अपने वश की नहीं। सुना है-डॉक्टर, इंजीनियर बनने के लिए बड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है जो मेरे वश की नहीं।
- चंदन – पर बिना मेहनत सफलता कैसे पाओगे? रंजन-मैं नेता बनकर देश सेवा करना चाहता हूँ।
- चंदन – तूने ठीक सोचा है। हल्दी लगे न फिटकरी, रंग बने चोखा।
- रंजन – नेता बनना भी आसान नहीं है। तुम्हारे लक्ष्य के लिए शुभकामनाएँ।
प्रश्नः 5) मोबाइल फ़ोन से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इस बारे में दो महिलाओं की बातचीत को संवाद रूप में लिखिए।
उत्तरः
- रजनी – अरे सरिता! कैसी हो? ।
- सरिता – मैं ठीक हूँ। अरे हाँ कल बेटे का जन्मदिन ढंग से मना लिया?
- रजनी – जन्मदिन तो मना लिया पर बेटा स्मार्ट फोन लेने की जिद पर अड़ा हुआ है।
- सरिता – तो दिला दो न उसे एक फोन।
- रजनी – सरिता, बात फोन की नहीं है। फोन लेकर वह उसी में लगा रहेगा।
- सरिता – यह बात तो है। आज लगभग हर बच्चे के पास फोन मिल जाता है, पर इसका दुष्प्रभाव उनकी पढ़ाई पर हो रहा है।
- रजनी – आज बच्चे पढ़ते कम हैं, फोन पर ज्यादा समय बिताते हैं।
- सरिता – मैंने अपने बेटे को फोन तो दिला दिया पर वह टेस्ट में दो विषय में फेल हो गया।
- रजनी – मेरी बेटी को जो पहाड़े पहले से याद थे और वह जमा-गुणा मौखिक करती थी, अब वह मोबाइल में कैलकुलेटर पर करने लगी है।
- सरिता – बच्चे गेम खेलकर अपना समय खराब करें, यहाँ तक तो ठीक है पर वे मोबाइल फोन का दुरुपयोग करने लगे हैं।
- रजनी – बच्चों को जागरूक कर इसे रोकना चाहिए ताकि वे पढ़ाई में मन लगाएँ। सरिता-यह ठीक रहेगा।
प्रश्नः 6) पी.टी.एम. में अध्यापक और छात्र के साथ उसके पिता से बातचीत का संवाद लेखन कीजिए।
उत्तरः
- पिता – मास्टर साहब नमस्ते! अंदर आ जाऊँ?
- शिक्षक – अंदर आ जाइए, स्वागत है आपका।
- पिता – धन्यवाद! मुझे मेरे बेटे के बारे में कुछ बताइए।
- शिक्षक – आपका बेटा पढ़ाई में ठीक है। मन लगाकर पढ़ता है।
- पिता – फिर इस टर्म में इसके नंबर कम क्यों हैं?
- शिक्षक – ठीक पूछा आपने। आपका बेटा नियमित रूप से स्कूल नहीं आता है। मैंने कई बार आपको फ़ोन किया है न।
- पिता – यह कहता है कि स्कूल में सभी पीरियड नहीं लगते हैं, तभी नहीं आता है।
- शिक्षक – पीरियड तो सभी लगते हैं। आप कहते थे कि इसकी तबीयत ठीक नहीं है और यह बताता था कि आपने इसे रोका था।
- पिता – मैं अब इसे नियमित रूप से स्कूल भेजूंगा।
- शिक्षक – यह मोबाइल फ़ोन लेकर स्कूल आता है और कक्षा में वीडियो देखता है।
- पिता – मैं इसका मोबाइल फ़ोन घर रखवा दूंगा।
- शिक्षक – इसे घर पर आप पढ़ने के लिए कहिए, स्कूल में मैं ध्यान रखूगा।
- पिता – यह ठीक रहेगा, धन्यवाद।
- प्रश्नः 7) समाज में फ़िल्मों का स्तर गिरता जा रहा है। फ़िल्में बनाने का उद्देश्य पैसा कमाना भर रहा गया है। इसी संबंध में साहित्यकार और फ़िल्म निर्माता के मध्य हुई बातचीत को संवाद रूप में लिखिए।
उत्तरः
- साहित्यकार – नमस्कार निर्माता जी, क्या हाल है?
- निर्माता – एक फ़िल्म बनाने की योजना बना रहा हूँ।
- साहित्यकार – महाशय को उद्देश्यपूर्ण फ़िल्म बनाइए।
- निर्माता – क्या आपकी सभी कविताएँ उद्देश्यपूर्ण ही होती हैं?
- साहित्यकार – साहित्यकार और फ़िल्म निर्माता दोनों के कार्य का समाज पर असर पड़ता है। हमें अपना दायित्व निभाने में कोताही नहीं बरतनी चाहिए। हमारी रचनाओं में मूल्य और संदेश होना चाहिए।
- निर्माता – फिर तो हो गई हमारी दुकानदारी।
- साहित्यकार – दुकानदारी के लिए हमें अश्लील चीजें नहीं परोसनी चाहिए।
- निर्माता – ऐसी साफ़-सुथरी फ़िल्में बनाने पर निर्माता का डूबना तो तय है।
- साहित्यकार – फ़िल्में समाज का आइना एवं मनोरंजन का सशक्त साधन है। समाज पर इनका बहु प्रभाव पड़ता है। ऐसी फ़िल्में बननी चाहिए जो समाज को एक नई दिशा दें।
- निर्माता – आप ठीक कहते हैं। मैं भविष्य में इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए।
- साहित्यकार – धन्यवाद।
प्रश्नः 8) नोडिटेंशन पॉलिसी से परेशान एक अभिभावक (गोपाल ) और अध्यापक की बातचीत का संवाद लेखन कीजिए।
उत्तरः
- गोपाल – नमस्ते मास्टर जी!
- अध्यापक – नमस्ते गोपाल जी! आइए, कैसे आना हुआ?
- गोपाल – मास्टर जी अपने श्यामू के बारे में आपसे मिलने आया था।
- अध्यापक – बताइए गोपाल जी क्या है ? वैसे श्यामू पास हो गया है।
- गोपाल – वह पास कैसे हो गया, यही तो सोचकर परेशान हो रहा हूँ।
- अध्यापक – क्यों?
- गोपाल – वह अपनी किताबें नहीं पढ़ पाता है, सवाल हल नहीं कर पाता है, अंग्रेज़ी बिलकुल भी नहीं पढ़ पाता है, इससे अच्छा तो उसी कक्षा में रह जाता तो ठीक होता।
- अध्यापक – सरकार ने नोडिटेंशन पॉलिसी लागू की है। इसका एक दुष्परिणाम यह है कि सरकारी स्कूल के कुछ बच्चों में पढ़ाई से लगाव कम हुआ है।
- गोपाल – आप सही कह रहे हैं मास्टर जी, जब देखो यह पार्क में खेलता रहता है।
- अध्यापक – बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी तो हम आप दोनों की है। आप इसके पढ़ने और खेलने का समय तय कीजिए बाकी मैं स्कूल में इसकी पढ़ाई के लिए अतिरिक्त समय दूंगा।
- गोपाल – जी, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
- प्रश्नः 9) गाँव से कुछ दूरी पर रेलगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई है, दो मित्र वहाँ पीड़ितों की सहायता के लिए जाना चाहते हैं। उनके मध्य हुए संवाद का लेखन कीजिए।
उत्तर:
- व्यक्ति 1: नमस्ते विजय, कैसा है तू?
- व्यक्ति 2: हाँ, मैं ठीक हूँ। तू सुना है, हमारे गाँव से कुछ दूरी पर रेलगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। मुझे उसके बारे में चिंता हो रही है।
- व्यक्ति 1: हाँ, मैंने भी सुना है। हमें वहाँ जाना चाहिए और पीड़ित लोगों की सहायता करनी चाहिए।
- व्यक्ति 2: सही कह रहे हो। हमें अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए जाना चाहिए। हमें पास के अस्पताल में उपलब्ध मेडिकल सामग्री और आवश्यक चिकित्सा सहायता बांटनी चाहिए।
- व्यक्ति 1: हाँ, और हमें भी वहाँ पहुंचने वाले राहगीरों की संख्या को तय करनी चाहिए। हमें उन्हें आवश्यकता के अनुसार खाद्य और पानी उपलब्ध करवाने की कोशिश करनी चाहिए।
- व्यक्ति 2: हाँ, और हमें स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर सहायता की योजना बनानी चाहिए। उनके मार्गदर्शन में हम संगठित और प्रभावी तरीके से मदद कर सकेंगे।
- व्यक्ति 1: बिल्कुल सही कह रहे हो, विजय।
प्रश्नः 10) विधानसभा का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी और मतदाता के बीच हुई बातचीत को संवाद रूप में लिखिए।
उत्तरः
- प्रत्याशी – नमस्कार भैया! इस बार आप हमें ही वोट देना।
- मतदाता – नमस्कार। पर मैं आपको वोट क्यों दूं।
- प्रत्याशी – पिछली बार आपने हमें जिताया था और हमने आपका विकास किया।
- मतदाता – आपने न सड़कें बनवाई, न पानी के नल लगवाए, आपने गलियों की मरम्मत भी नहीं करवाई।
- प्रत्याशी – इस बार फंड कम था न। अब जीतने पर सबसे पहले यही काम करवाऊँगा।
- मतदाता – पर आपने अपने मोहल्ले का सारा काम करवा लिया है। यहाँ पर नल नहीं लगवा सकते, अपने घर के सामने फव्वारा लगवा लिया।
- प्रत्याशी – इस बार मैं जनता का विकास करूँगा।
- मतदाता – आपने पिछली बार अपना विकास करने के लिए हम गरीबों पर कर लगाए, महँगाई बढ़ाई और अपनी गोदाम में जमाखोरी करवाई।
- प्रत्याशी – यह विरोधी प्रत्याशी की चाल है।
- मतदाता – अब हम अपने मत की कीमत पहचान गए हैं। हम शिक्षित, कर्मठ और ईमानदार मतदाता को अपना मत देंगे।
- प्रत्याशी – आप हमें एक मौका और दीजिए।
- मतदाता – ठीक है देखेंगे।
संवाद किसे कहते हैं?
संवाद को जब दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच में विचार और जानकारी का आदान-प्रदान कहा जाता है, तो उसे ‘संवाद’ कहते हैं। संवाद एक महत्वपूर्ण सामाजिक और कॉम्यूनिकेशन कौशल है, जिसमें विचारों, विचारों और जानकारी को स्वतंत्र रूप से व्यक्त किया जा सकता है और दूसरे व्यक्तियों के साथ साझा किया जा सकता है। संवाद एक सुनने और बोलने का प्रक्रियात्मक प्रक्रिया होता है, जिसमें ज्ञान, विचार, और भावनाओं का आपसी आदान-प्रदान होता है।
संवाद किसी भी विषय पर हो सकता है, जैसे कि व्यक्तिगत बातचीत, सामाजिक विषय, व्यवसायिक परिप्रेक्ष्य, शिक्षा, और कई अन्य। संवाद का मुख्य उद्देश्य जानकारी साझा करना, गहरे विचारों को व्यक्त करना, और दूसरों के साथ बातचीत करके विचारों को सुधारना और समझाना होता है।
संवाद के दो प्रमुख रूप होते हैं:
- मौखिक संवाद (Oral Communication): मौखिक संवाद मौखिक भाषा का उपयोग करके होता है, जिसमें व्यक्तिगत बातचीत, बोलचाल, भाषण, और संवादिता शामिल होते हैं। इसमें आवाज, भाषा, भावनाओं का अभिव्यक्ति शामिल होता है। मौखिक संवाद का उदाहरण हैं – व्यक्तिगत बातचीत, व्यवसायिक मीटिंग, भाषण, और टेलीफोन कॉल इत्यादि।
- लिखित संवाद (Written Communication): लिखित संवाद मौखिक भाषा की बजाय लिखित शैली में होता है। इसमें ब्रीफ, रिपोर्ट, पत्र, ईमेल, लिखित संदेश, और दस्तावेजों का उपयोग होता है। यह लिखित विचारों को स्पष्टता और निष्कर्षता के साथ प्रस्तुत करने का माध्यम होता है और स्थायी रूप से दस्तावेजों में रिकॉर्ड किया जा सकता है।
संवाद में क्या क्या विशेषताएं होनी चाहिए?
संवाद को सफल बनाने के लिए कुछ विशेषताएं होनी चाहिए:
- सुनने की क्षमता (Listening Skills): संवाद में सुनने की क्षमता महत्वपूर्ण है। आपको ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए, ताकि आप दूसरे व्यक्ति के भावनाओं और विचारों को समझ सकें।
- स्पष्टता (Clarity): संवाद की स्पष्टता होनी चाहिए, ताकि दूसरे व्यक्ति समझ सकें कि आप क्या कहना चाह रहे हैं। अशब्द, अन्यायुक्त या अस्पष्ट भाषा से बचना चाहिए।
- समय प्रबंधन (Time Management): संवाद में समय का सही उपयोग करना महत्वपूर्ण है। आपको अपनी बात को संक्षेप से प्रस्तुत करना चाहिए और समय पर बातचीत को समाप्त करना चाहिए।
- संवादिक और अवसरवादी (Engagement and Adaptability): आपको संवादिक बनने का प्रयास करना चाहिए, जिससे कि आप दूसरे व्यक्ति के साथ संवाद में रुचाना ला सकें। आपको परिस्थितियों के आधार पर अपने संवाद को समायोजित करने की क्षमता होनी चाहिए।
- समझदारी (Empathy): संवाद में सामंजस्य और समझदारी होनी चाहिए। आपको दूसरे व्यक्ति की दृष्टिकोण समझने का प्रयास करना चाहिए और उनकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
- संवाद में सजीवता (Active Participation): आपको संवाद में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए, न कि केवल बोलने वाले या सुनने वाले की भूमिका में रहना चाहिए।
- संवाद के उद्देश्य का पालन (Objective): आपको संवाद के उद्देश्य को स्पष्ट रूप से समझना चाहिए और उसे प्राप्त करने के लिए अपने संवाद को अनुकूलित करना चाहिए।
- संवाद में संतुलन (Balance): संवाद में संतुलन बनाए रखना चाहिए, यानी कि आपको बातचीत के समय बातचीत के सभी पक्षों को महत्व देना चाहिए।
- भाषा का उपयोग (Language Usage): संवाद में सामाजिक, व्यवसायिक या अन्य संदर्भों के हिसाब से उपयुक्त भाषा का उपयोग करना चाहिए।
- प्रतिक्रिया और पुनरावलोकन (Feedback and Reflection): संवाद के बाद प्रतिक्रिया और सोच-समझकर विचार करना चाहिए ताकि आप अपने संवाद कौशल में सुधार कर सकें।
इन विशेषताओं का पालन करके, आप संवाद को और भी प्रभावी और सार्थक बना सकते हैं।
Also Study
संवाद लेखन में ध्यान देने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातें निम्नलिखित हो सकती हैं:
- विषय का साफ़ संकेत (Clear Subject Line): अगर आप एक ईमेल या संदेश के माध्यम से संवाद कर रहे हैं, तो आपके संदेश के विषय को स्पष्ट रूप से प्रकट करने के लिए संकेत देना चाहिए।
- उपयुक्त और सुविधाजनक भाषा (Appropriate and Conducive Language): संवाद में उपयुक्त भाषा का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। आपको अपने प्राप्त करने वाले संवादके की भाषा और स्तर के आधार पर भाषा का चयन करना चाहिए।
- संक्षेप और मुख्य बिंदु (Conciseness and Main Points): अपने संवाद को संक्षेप में लिखने का प्रयास करें और मुख्य बिंदुओं को हाइलाइट करें।
- उचित तारीख और समय (Appropriate Date and Time): संवाद में समय और तारीख को सही ढंग से उचितता के साथ उपयोग करें।
- सटीक और योग्य प्राधिकृतियां (Accurate and Relevant Credentials): आपके संवाद के साथ उचित प्राधिकृतियां और संवादक के विचार को समर्थित करने वाली जानकारी को संबंधित रूप से प्रस्तुत करें।
- उचित संवाद प्रारूप (Proper Dialogue Format): अगर आप किसी प्रकार के संवाद लेख रहे हैं, तो संवाद प्रारूप का उपयोग करें, जिसमें व्यक्तिगत वक्ताओं की बोलचाल को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया जाता है।
- सजीव और रुचिकर संवाद (Engaging and Interesting Conversation): आपके संवाद को सजीव और रुचिकर बनाने के लिए उदाहरण, कथा, या उद्धरणों का उपयोग कर सकते हैं।
- समय प्रबंधन (Time Management): संवाद में समय का सही उपयोग करना महत्वपूर्ण है। आपको संवाद को समय सीमित करके लिखना चाहिए, ताकि आपके संवादके को समय से पूरी जानकारी मिल सके।
- प्रतिक्रिया के लिए खुला द्वार (Open Door for Feedback): संवाद में प्रतिक्रिया के लिए संवादके को खुला द्वार दें, ताकि वह आपके संवाद के साथ सहयोग कर सकें या संवाद को आगे बढ़ा सकें।
- श्रीष्ठ संवाद कौशल (Excellent Communication Skills): अच्छे संवाद कौशल होने का प्रयास करें, जैसे कि सुनने, बोलने, और समझने की क्षमता।
इन सुझावों का पालन करके, आप संवाद लेखन में अधिक प्रभावी और प्रोफेशनल तरीके से संवाद कर सकते हैं।
निष्कर्ष
तो आपको यह लेख CBSE Samvad Lekhan In Hindi For Class 9 कैसी लगी नीचे Comment करके हमें जरूर बताएं तथा लेख को अपने दोस्तों मे शेयर जरूर से जरूर करें, क्योंकि HINDIDP.IN पर ही आपको सबसे सटीक जानकारी देने का काम हम कर रहें है और करते रहेंगे।