Essay on India in Hindi – हमारे देश भारत पर निबंध

Essay on India in Hindi, मेरा भारत महान निबंध, My Country Essay in Hindi: भारत हमारा देश है। यह हमारी मातृभूमि है – यह हमारी जन्मभूमि है। यह सुजला है – सुफला हैं – शस्य श्यामला हैं। हम कोटि-कोटि भारतीय इसकी पावन गोद में विराजते हैं, विचरते हैं।

Bharat Par Nibandh/Essay in Hindi – भारत पर निबंध हिंदी में

” मन मोहिनी प्रकृति की जो गोद में बसा है।

सुख स्वर्ग सा जहां है, वह देश कौन-सा है।।

जिसकी अनन्त धन से धरती भरी पड़ी है।

सींचा हुआ सलोना, वह देश कौन-सा है।। “

Essay on India in Hindi – हमारे देश भारत पर निबंध
Essay on India in Hindi – हमारे देश भारत पर निबंध

Essay on India in Hindi – भारत पर निबंध

भारत हमारी मातृभूमि है। इसे ” भारत या हिंदुस्तान ” भी कहा जाता है। प्राचीन काल में इसे आर्यावर्त के नाम से भी जाना जाता था।

यह एशियाई महाद्वीप के अंतर्गत आता है। यह सिर्फ हिंद महासागर में त्रिकोणीय प्रायद्वीप है। यह दक्षिण पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण पूर्व में बंगाल की खाड़ी से घिरा है।

उत्तर में हिमालय की प्रसिद्ध पर्वतमालाएँ हैं। हमारे देश की आबादी करीब 136 करोड़ (2019) है। हमारी मातृभूमि के लोग लगभग 845 भाषाएँ और बोलियाँ बोलते हैं।

यहां 300 से ज्यादा जातियां और उपजातियां हैं और करीब 3 करोड़ आदिवासी हैं। अतीत में भारत अनिवार्य रूप से एक कृषि प्रधान देश रहा है।

काफी हद तक अब भी ऐसा ही है। लेकिन यह औद्योगीकरण के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह एक विशाल देश है जो 12.59.797 वर्ग मील के क्षेत्र में फैला है।

यह छह ऋतुओं का देश है। – 1. जल्दी शरद ऋतु, 2. देर से शरद ऋतु, 3. वसंत, 4. ग्रीष्म, 5. बरसात और 6. सर्दी।

नदी और नालों, पहाड़ियों और पहाड़ों और हरे-भरे खेत और जंगल देश में प्रचुर मात्रा में हैं। अनेकता में एकता इस देश की प्रमुख विशेषताओं में से एक है।

इसने कभी कला, संस्कृति, बुद्धि, ज्ञान और अध्यात्मवाद के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व किया था। इसका एक सुनहरा अतीत है।

इसका एक सुनहरा भविष्य भी है। इसने एक बार दुनिया का नेतृत्व किया था, यह एक बार फिर दुनिया का नेतृत्व करेगा।


Essay on My Country India in Hindi
Essay on My Country India in Hindi

Essay on My Country India in Hindi

सचमुच यह विशाल देश प्रकृति की क्रीडा भूमि है। उत्तर में गिरिराज हिमालय इसका भव्य हाल है। दक्षिण की ओर हिंद महासागर इसके चरणों को पखार रहा है।

सागर से हिमगिरी तथा अटक से कटक तक फैलाया विस्तृत भूखंड ही हमारा मधुमय देश है। कहीं दूर-दूर तक फैली समतल भूमि है और कहीं ऊंचे पहाड़ों, नदियों, झीलों और तालाबों से सुसज्जित यह भूमि स्वर्ग से होड़ लेती है।

एक और राजस्थान का रेगिस्तान है, तो दूसरी और गंगा-ब्रह्मपुत्र का हरा-भरा मैदान हैं। हिमालय का बीहड़ बियावान है, तो गंगा यमुना की हरी-भरी दोआब भूमि हैं।

यहां तरह-तरह के मनुष्य भी है, तरह तरह के जानवर और तरह-तरह के पेड़ पौधे मिलते हैं। यहां विविधिता में भी एकता है। यह एक देश है, पर अपनी विविधताओं के लिए इसे उपमहादेश की संज्ञा दी गई है।

एशिया महादेश के दक्षिण में स्थित या एक विशाल प्रायद्वीप है। भाषा और बोली की दृष्टि से भारत एक अद्भुत देश है। संभवत दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं होगा, जहां इतनी अधिक भाषाएं और बोलियां हो।

22 तो यहां की सविंधान स्वीकृत भाषाए है और कम से कम 400 बोलियां है। हिंदी सारे राष्ट्र की भाषा है। यह हमारे देश की सभ्यता और संस्कृतिक एकता, पूर्णता तथा शक्ति और सम्पनता की वाणी है।

यह देश समप्रित धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। गुटनिरपेक्ष राजनीति में विश्वास करता है। भारत एक है और भारत का संविधान सर्वसम्मत है।

भारत कृषकों का देश है। यहां की जनसंख्या लगभग 1 अरब से अधिक है। यहां की जनसंख्या का 70% खेती में लगा है।

तरह-तरह के अन्न, फल-फूल एवं साग सब्जी इस कृषि प्रधान देश में उत्पन्न होते हैं। यहां की बड़ी-बड़ी खदानों में शायद ही कोई खनिज हो जो नहीं मिलता।

कुछ खनिजों पर तो हमारा एकछत्र अधिकार है। हमें अपनी सभ्यता एवं संस्कृति पर नाज है। यह प्राचीनतम है। हमारी संस्कृति में विपुल गहराई, व्यापक फैलाव और सामाजिकता का भाव है।

इसी कारण ऊपर से देखने पर पहले तो इसकी विविधता में हम उलझ कर रह जाते हैं, फिर बाद में उसके अंतराल में स्थित श्रृंखला और एकत्त्व की प्रतिष्ठा का भान होता है।

अध्यात्मिक दर्शन की अपनी-अपनी राहे और विचार-धाराएँ हैं। इन सारे विभेदो के होते हुए भी हमारे देश की आत्मा एक है, संस्कृति एक है, हमारा भारत देश अति प्राचीन देश है।

वाणी का प्रथम स्वर यही सुना गया था। विश्व के आदिग्रंथ वेदों की रचना यहीं पर हुई थी। ज्ञान की प्रथम ज्योति यही फूटी थी। यह व्यास और वाल्मीकि की भूमि है।

यह कालिदास और रविंद्र की भूमि है। राम और कृष्ण यही जन्मे थे। बुद्ध, महावीर और गांधी यही हुए। हमारा भारत सोने का, सपने का और स्वर्ग का देश है।

हमारा भारत महान है। (Our India is great.)

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