Durga Puja Essay in Hindi दोस्तों, हमारे देश भारत में हर वर्ष की तरह इस वर्ष में पुरे हर्षो-उल्लास से के साथ “विजयदशमी” का पावन त्योहार मनाया जा रहा हैं। तो इसी त्यौहार के ऊपर आज के इस पोस्ट में आप हिंदी में निबंध पढ़ेंगे।
आपने अभी तक आपके अपने इस ब्लॉग Hindidp.in पर कई प्रकार के हिंदी निबंध (Hindi Essay) को पढ़ा हैं। जैसे की परिश्रम पर निबंध, मोबाइल पर निबंध, तुलसीदास पर निबंध इत्यादि।
आपने अगर इन सभी निबंध को पढ़ा होगा तो मुझे पूरा विस्वास है की आपको यह सभी Hindi Nibandh जरूर पसंद आई होगी लेकिन अगर आपने अभी तक इन सभी निबंध को नहीं पढ़ा हैं तो आप इसे जरूर पढ़े।
दोस्तों, अब हम आज का यह दुर्गा पूजा पर हिंदी निबंध को शुरू करते हैं। आप पूरा पढ़कर हमें कमेंट में जरूर बताये की आपको यह निबंध कैसा लगा।
Table Of Contents
Durga Puja Essay in Hindi | दुर्गा पूजा पर निबंध हिंदी में
Durga Puja Par Nibandh in Hindi –
दुर्गा पूजा पर हिंदी में निबंध
दुर्गापूजा हिन्दुओं का सर्वप्रमुख पर्व हैं। इस पर्व को कही दशहरा, कहीं शारदीय नवरात्री पूजा और कहीं ‘विजयदशमी’ भी कहा जाता हैं।
यह त्योहार मुख्य रूप से बिहार, बंगाल और उत्तर प्रदेश के लोगों द्वारा बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
दुर्गा पूजा शक्ति की पूजा है। यह अधर्म पर धर्म की और असत्य पर सत्य की विजय का पर्व है। दुर्गा पूजा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को लेकर कुछ प्रकार की धार्मिक कथाएं प्रचलित हैं।
कुछ लोगों का कहना है कि राम ने इसी दिन रावण का वध किया था। उनकी खुशी में यह पर्व मनाया जाता है।
कुछ लोगों के अनुसार महिषासुर नाम का राक्षस महान, शक्तिशाली और पराक्रमी था। उसने देवताओं को हराकर स्वर्ग पर विजय प्राप्त की।
इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए ब्रह्मा, विष्णु, महेश-त्रिदेव धीरे-धीरे सभी देवताओं के शरीर से और सभी देवताओं के शरीर से निकले और सभी के संयुक्त तेज से देवी दुर्गा महिला रूप में प्रकट हुईं।
देवताओं ने अपने शस्त्र माता को दे दिए। माँ चिल्लाते हुए युद्ध के मैदान में पहुँची और पराक्रमी पराक्रमी महिषासुर का वध किया। उस जीत की याद में दुर्गा पूजा का त्योहार मनाया जाता है।
जो भी कथाएं सत्य हैं, लेकिन यह बिल्कुल सत्य है कि यह त्योहार असत्य पर सत्य की और अधर्म पर धर्म की जीत के रूप में मनाया जाता है।
दुर्गा पूजा का पर्व दस दिनों तक मनाया जाता है। आशिवन मास के शुक्ल पक्ष की शुरुआत में कलश की स्थापना की जाती है और मां दुर्गा की पूजा शुरू होती है.
दुर्गा पूजा बड़ी भक्ति, श्रद्धा, बड़े उल्लास और धूमधाम से की जाती है। दशमी के दिन यज्ञ की समाप्ति के बाद विसर्जन का कार्य किया जाता है.
इस अवसर पर मेलों का भी आयोजन किया जाता है और विभिन्न स्थानों पर संगीत समारोहों का भी आयोजन किया जाता है।
दुर्गा पूजा के अवसर पर सभी शैक्षणिक संस्थान और सरकारी कार्यालय बंद हैं। सभी लोग मिलकर इस पर्व को मनाते हैं। यह पर्व न केवल प्रचंड शक्ति का प्रचारक है बल्कि इसकी सात्त्विक तेज का प्रेरक भी है।
इसलिए सभी को सात्त्विक भावना से मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। यदि इस पूजा से धार्मिक घृणा उत्पन्न होती है, तो निश्चित रूप से पूजा का मूल्य उद्देश्य नष्ट हो जाता है।
Final Thoughts –
दोस्तों, मुझे विस्वास है की आपको आज का यह दुर्गा पूजा पर निबंध (Durga Puja Essay in Hindi) हिंदी में जरूर पसंद आया होगा। आप इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक और व्हाट्सप्प पर भी शेयर कर सकते हैं।
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