16+ Hindi Poem For Kids Class 2 | हिंदी कविता कक्षा 2

We are sharing easy-to-learn 37+ Hindi Poem For Kids Class 2 Competition. These articles will help children learn the Hindi language’s school syllabus.

आज हम सीखने में आसान भाषा में कक्षा 2 के लिए कविताएँ साझा कर रहे हैं। प्राथमिक कक्षाओं में बच्चों के लिए पाठ्यक्रम के माध्यम से उन्हें भावनात्मक, विश्लेषणात्मक और मानसिक विकास के लिए कविता या कहानियाँ सिखाई जाती थीं। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये कविताएँ और कहानियाँ बच्चों के संज्ञानात्मक विकास में मदद करती हैं। कविताएँ और कहानियाँ बच्चों में पढ़ने, लिखने, बोलने और समझने के कौशल में सुधार करती हैं।

Hindi Poem For Kids Class 2

Hindi Poem For Kids Class 2
हिंदी कविता कक्षा 2 | Hindi Poem For Kids Class 2

Hindi Kavita For Class 2

प्यार के पंछी

नन्हे – नन्हे प्यारे पंछी,

लगते सबसे न्यारे पंछी।

फुदक – फुदक कर आते पंछी,

खटपट से उड़ जाते पंछी।

ची-ची, चूं-चूं करते पंछी,

रंग रंगीले न्यारे पंछी।

कभी पेड़ पर, कभी गगन में,

उड़ते और मंडराते पंछी।

छत पर दाना डालो तो,

झट से फिर आ जाते पंछी।

डरते-डरते दाना चुगते,

फुर से फिर उड़ जाते पंछी।

लाल – हरे, नीले औ पीले,

मेरे बड़े दुलारे पंछी।

-मुकेश कुमार ऋषि

Poem For Class 2

नयी आशाएं

अब नयी आशाएं,

महकेगी फूलों की तरह

बरसेगी।

रिमझिम फुहारों के संग,

अब नयी आशाएं,

चहकेगी पंछियों की तरह।

गूंजेगी नित भ्रमरों के संग,

अब नयी आशाएं,

नाचेंगी मयूरों की तरह।

निखरेंगी इंद्रधनुष के रंग में,

अब नयी आशाएं,

नव सृजन की बेला में।

कहेंगी कुछ नयी बातें,

देंगी भी यह कई सौगातें।

-किसलय हर्ष

Poem For Class 2

चिड़ियाघर

मैंने देखा चिड़ियाघर,

वहां थे बहुत से बंदर।

देखा एक भयानक शेर,

उसके चारों ओर था घेर।

थे अनेक हरियल तोते,

आंखें झपक-झपक सोते।

पंख फैलाये देखा मोर,

नाच रहा था जोर-जोर।

-मेधाविनी मोहन

Hindi Poem For Class 2

इंजेक्शन

पापा मुझे डर लगता है,

नहीं चाहिए इंजेक्शन।

अगर टैबलेट मिल जाती,

तो दूर हो जाती टेंशन।

पापा बोले टैबलेट खाने से,

दूर नहीं होगी बीमारी।

इंजेक्शन से जीत होगी तुम्हारी,

तो लगाओ इंजेक्शन।

थोड़ा बहुत दर्द होगा,

फिर हो जाना टनाटन।

-मो सबीहुद्दीन

Hindi Poem For Class 2

कागज की नाव

प्यारी-सी नाव चली,

लेकर पतवार चली,

हिचखोले खाती चली।

बलखाते, इठलाते चली,

पत्तों के मेड़ों से मिली।

घासों के पहाड़ों से हिली,

रिमझिम फुहारों से डरी।

मौसमी थपेड़ों से गिरी,

गिरकर फिर खड़ी हुई।

कागज की नाव चली।

-किसलय हर्ष

Hindi Poem For Class 2

तोता

मेरे घर आया एक तोता,

दिखने में लगता है छोटा।

टें-टें, टें-टें करता रहता,

कभी न रुकता, कभी न थकता।

हरे-हरे से पंख हैं इसके,

कितने सुंदर और सजीले।

चोंच हैं इसके लालम-लाल,

लगती अद्भुत और कमाल।

मिर्च, अमरूद, सेब यह खाता,

पल भर में ही चट कर जाता।

आवाजों की नकल उतारता,

जल्दी-जल्दी सब सीख जाता।

-संदीप आनंद

Hindi Poem For Class 2

चाचाजी की कार

चिंटू चाचाजी की कार,

चलती चींटी की रफ्तार।

बीचोंबीच भरे बाजार,

रुकती खाकर झटके चार।

चिंटू चाचा तब थक हार,

लेकर गुस्सा और गुबार।

वापस आ जाते मन मार,

वहीं छोड़ कर अपनी कार।

-राजेंद्र श्रीवास्तव

Hindi Poems For Class 2

बच्चे

द्वेष, कपट, छल से अनजान,

चंचल, मासूम, हठी, नादान।

बच्चे होते कितने प्यारे,

सबकी होते आंख के तारे।

भेदभाव न जानें बच्चे,

तभी तो लगते हैं अच्छे।

फिक्र गमों से दूर रहते,

अपनी मस्ती में चूर रहते।

बच्चों की हर एक अदा,

होती है सबसे जुदा।

धरती पर है स्वर्ग वहाँ,

मुस्कुराता है बचपन जहाँ।

-हरिन्दर सिंह गोगना

Class 2 Hindi Poem

फूल

बाग-बाग में खिलते फूल,

सदा बिहंसते रहते फूल।

महक भरी रहती है इनमे,

सबको अच्छे लगते फूल।

कांटों का कोई मित्र नहीं,

कांटों में ही खिलते फूल।

अनगिन गुण इनमें होने से,

शीष चढ़ाए जाते फूल।

फूल सिखाते हंसते रहना,

हर मौसम में खिलते फूल।

फूल सिखाते भाव जगाना,

भौरे गाते गुनगुन गाना।

ऐसे प्यारे होते फूल,

कभी नहीं हैं रोते फूल।

मित्र हमारे होते फूल,

बाग-बाग में खिलते फूल।

सदा बिहंसते रहते फूल।

-चानी एरी

Hindi Poem For Kids Class 2

बन्दर ने खूब बनाया

अप्रैल फूल के दिन,

बन्दर के आया मन में।

गधे को बनाता हूँ ‘फूल’

वही मूर्ख है वन में।

गधे को लगाया फोन,

कहा”आज घर आना।

मेरा जन्म दिन है आज,

पकवान बने हैं नाना।

“सुन कर गधा गदगद हुआ,

मुँह से टपकी लार।

पहना कोट, बाँधी टाई,

अच्छे से हुआ तैयार।

पहुँचा जब बन्दर के घर,

दरवाजे पर ताला पाया।

अब गधे को समझ आया,

बन्दर ने ‘फूल’ बनाया।

-हरिन्दर सिंह गोगना

2nd Class Hindi Poem

चांद

रोज रात में आता चांद,

सबको बड़ा लुभाता चांद।

चुपके-चुपके जाने कब,

सपनों में आ जाता चांद।

गोरा-गोरा, दूध नहाया,

सुंदर रूप दिखाता चांद।

आकर पास, कमी हमारे,

लोरी हमें सुनाता चांद।

देखो कितना रूप बदलता,

रोटी भी बन जाता चांद।

शरमा जाए कभी-कभी तो,

बादल में छुप जाता चांद।

दूर-दूर से हमें, निहारे,

हाथ नहीं, क्यों आता चांद।

किसने मामा इसे बनाया,

हम को नहीं बताता चांद।

-सतीश उपाध्याय

मुन्ना बोला

Hindi Poem For Kids Class 2

मुन्ना बोला दीदी से,

दीदी ये बतलाओ तुम।

कैसे नभ में उड़ते पक्षी,

मुझको भी समझाओ तुम।

दीदी बोली मुन्ने से,

सब चिड़ियों में लगे।

तभी हवा में उड़ते हैं,

वे प्यारे पंखों के संग।

मुन्ना बोला दीदी से,

लगे नहीं क्यों पंख हमें।

जिस से उड़कर आसमान,

सैर करें हम बच्चे सारे।

दीदी बोली मुन्ने से,

छेड़ा करते हो, पक्षी को।

इसीलिए है पंख नहीं,

नभ में छू न सको उसे।

-प्रदीप कुमार गोंडा

Hindi Poem For Class 2

शिक्षक

शिक्षक हमें पढ़ाते है।

योग्य हमें बनाता है।

नई सीख हमें सिखाते है।

दुःख सुख में साथ निभाते है।

उपयोगी ज्ञान दिलाते हैं।

स्वादिष्ट भोजन हमें खिलाते है।

पोशाक, जूता और

मोजा, बैग दिलाते है।

हफ्ते हफ्ते में दूध

और फल खिलाते है।

शिक्षक हमें पढ़ाते है।

योग्य हमें बनाते है।

-अंजली

Poem For Class 2

तितली

तितली रानी तितली रानी,

फूलों की हो तुम महारानी।

फूलों में छिप जाती हो,

सबके मन को भाती हो।

कभी ना मेरे घर आती हो,

फूलों पर मंडराती हो।

फूलों का रस पी जाती हो,

कितना सुन्दर रूप तुम्हारा।

सबके मन को भाती हो,

कितनी भी कर ले कोशिश,

पर हाथ किसी के न आती हो।

-प्रीती कुमारी

Hindi Poem For Class 2 Competition

छोटी-छोटी गाड़ी

छोटी-छोटी गाड़ी,

बच्चों की रेलगाड़ी,

चाबी भरो।।

दौड़ लगाती किसी,

स्टेशन पर नही रूकती,

बच्चों की मीठी बोली-सी,

बड़ी प्यारी रेलगाड़ी।।

रूठ कर फिर मान जाता,

फिर दौड़ पड़ती रेलगाड़ी।।

-पुरुषोत्तम व्यास

Hindi Poem For Class 2

बचपन

बचपन के दिन,

कितने हैं हसीन।

मजा नहीं आए,

दोस्तों के बिन।।

नीर में ढूँढे रेत,

खेलते ऐसे खेल।

कभी मिट्टी आए,

कभी हाथ आए रेत॥

नीर में देख छवि,

भरें किलकारी।

घर बनाने की कर,

रहे नन्हें तैयारी॥

-गोपाल कौशल

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Hindi Poem For Kids Class 2

बन्दर मामा

रौब से निकले बन्दर मामा,

आज सिलाऊं मस्त पैजामा।

मल-मल कर उसको धुलवाऊं,

पानी छिड़क इस्त्री करवाऊं।

सेंट लगा ससुराल जाऊं,

ताम-झाम अपना दिखलाऊं।

रात तक पहुंचे ससुराल,

सबने पूछे उनके हाल।

सासू ने पकवान बनाए,

मिल बांट सबने खाए।

सुबह बीवी की करा विदाई,

शाम को घर लौट आए भाई।

-अरुण यादव

Hindi Poem For Class 2

प्यारे बच्चे

कितने भोले कितने अच्छे,

सुखद मनोहर प्यारे बच्चे।

मीठी वाणी सहज सरल है,

इनसे सबको प्यार प्रबल है।

नहीं बनावट द्वेष जानते,

प्यार और अपनत्व मानते।

फूलों जैसा कोमल तन है,

नहीं कलुषता निर्मल मन है।

जहाँ कहीं यह मौका पाते,

लगें खेलने धूम मचाते।

करते सब हैं इन्हें दुलार,

लगता बचपन सुखद अपार।

रहती अधर मधुर मुस्कान,

बनते यही राष्ट्र की शान।

भेद-भाव सब दूर भगाते,

जन मन में खुशहाली लाते।

मन से सब मतभेद भुलाते,

सदा सभी को मीत बनाते।

-कैलाश त्रिपाठी

Hindi Poem For Class 2

मीठे आम

सुन्दर, सुन्दर मीठे आम,

अच्छे, अच्छे, प्यारे आम।

नहीं आम-सा कोई फल,

खाओ इन्हें न छोड़ो कल।

पके, गले, मुस्काते आम,

मिलते ढ़ेरों सस्ते आम।

लगड़ा, सेंदुरिया-मद्रासी,

बम्बइया, तुकमी, बनारसी।

रस से भरे दशहरी आम,

खाओ अभी छोड़ सब काम।

बुला रहे आमों के बाग,

बीने इनको तड़के जाग।

महकें बहुत सफेद आम,

बच्चे देख रहे जी थाम।

कोयल कूके अम्बुआ डाल,

आम तोड़कर धर दें पाल।

खाते नित जो प्यारे आम,

वे पाते फल चारों धाम।

कौन नहीं जो खाता आम,

किसे नहीं है भाता आम।

तृप्ति और सुख मिले तमाम,

तेरे सुने हजारों नाम।

सुन्दर, सुन्दर मीठे आम,

अच्छे, अच्छे प्यारे आम।

-डॉ. चक्रधर नलिन

Hindi Poem For Class 2

आओ सीखें

क से कविता पढ़ना,

ख से खाना खाना।

ग से गुस्सा छोड़ो,

घ से घमंड तोड़ो।

ड. तो खाली रहता।।

च से चाची भीगी,

छ से छतरी गीली।

ज से जूता पहना,

झ से झरना बहता।

इयाँ- तो खाली कहता।।

ट से टेसू खिलता,

ठ से ठंडा लगता।

ड से डमरू बजता,

ढ से ढक्कन खुलता।

ण से तो कण होता।।

त से तितली उड़ती,

थ से थाली सजती।

द से दादी प्यारी,

ध से धूप न्यारी।

न से नाचे नानी।।

प से पल ढलता है,

फ फल लगता है।

ब से बकरी चरती है,

भ से भगदड़ मचती है।

म से मक्खी उड़ती है।।

य से यान उड़ेगा,

र से रथ चलेगा।

ल से लड़की बोलती,

व से वन बढ़ेगा।

श से शीश उठेगा।।

स से सरगम बोले,

ष से षठकोण डोले।

ह से हाथी भोले,

क्ष से क्षमा की वाणी।

त्र से त्रिशूल धारी।।

ज्ञ से बच्चे ज्ञानी,

बोले प्यार की बानी।

अक्षर का खेल निराला,

वर्ण की है यह माला।

झटपट इसको रट डाला।।

-डॉ. प्रीति प्रवीण खरे

Poem For Class 2

प्यारी पुस्तक

प्यारी-प्यारी पुस्तक है,

देती दिल पे दस्तक है।

अक्षर-अक्षर ज्ञान भरा है,

अशिक्षा का तिमिर हरा है।

ऊँचा करती मस्तक है,

प्यारी-प्यारी पुस्तक है।

जीवन का निर्माण करे,

जन-जन का कल्याण करे।

करती सेवा अब तक है,

प्यारी-प्यारी पुस्तक है।

चित्र सुंदर इसमें आते,

बालमन को ये लुभाते।

ये भरती ज्ञान अक्षत है,

प्यारी-प्यारी पुस्तक है।

-गोविन्द भारद्वाज

सूरज दादा

Poem For Class 4

सूरज दादा, सूरज दादा,

क्यों इतना गरमाते हो।

हमने तुम्हारा क्या बिगाड़ा,

क्यों इतना गुस्साते हों।

सोकर उठते जब खटिया से,

तुमको शीश नवाते हैं।

हँसी-खुशी सारा दिन बीते,

ऐसा रोज मनाते हैं।

दिन भर तुम इतना तपते,

गरम तमाचे जड़ देते हो।

पशु-पक्षी व जीव जगत भी,

व्याकुल सबको कर देते हो।

वर्षा का जब मौसम आता,

ओट बादलों की ले लेते हो।

उमड़-घुमड़ जब वर्षा होती,

आसमान में खो जाते हो।

जाड़े में तुम बच्चे बन,

सबको प्यारे लगते हो।

हम भी बैठ खुले आँगन में,

तुमसे बाते करते हैं।

शाम ढले तुम चल देते हो,

हम कमरों में छिप जाते हैं।

ओढ़ रजाई ऊपर से हम,

दुबक बिस्तरों में जाते हैं।

-संगरिया

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