दोस्तों, पढ़िए Lakadhara Aur kulhadi Story – Moral Stories in Hindi in Short, आज हम लेके आये है लकड़हारा और सुनहरी कुल्हाड़ी की कहानी जो कि आप बच्चो को बहुत पसंद आये गी,
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Lakadhara Aur kulhadi Story in Hindi
एक समय की बात है जंगल के पास एक लकड़हारा रहता था. वो जंगल में लकड़ी इकठ्ठा करता था और उन्हें पास के बाज़ार में बेचता था कुछ पैसों के लिए।
एक दिन की बात है वो एक पेड़ काट रहा था, तभी हुआ ये की गलती से उसकी कुल्हाड़ी पास की एक नदी में गिर गई. नदी बहुत ज्यादा गहरी थी और वास्तव में तेजी से बह रही थी- उसने बहुत प्रयत्न किया अपने कुल्हाड़ी को खोजने की लेकिन उसे वो वहां नहीं मिली. अब उसे लगा की उसने कुल्हाड़ी खो दी है, वहीँ दुखी होकर वो नदी के किनारे बैठकर रोने लगा।
उसके रोने की आवाज सुनकर नदी के भगवान उठे और उस लकड़हारे से पूछा कि क्या हुआ. लकड़हारा ने उन्हें अपनी दुखद कहानी बताई. नदी के भगवान को उस लकड़हारे के ऊपर दया आई और वो उसकी मेहनत और सच्चाई देखकर उसकी मदद करने की पेशकश की।
वो नदी में गायब हो गए और एक सुनहरी कुल्हाड़ी वापस लाया, लेकिन लकड़हारे ने कहा कि यह उसका नहीं है. वो फिर से गायब हो गए और अब की बार उन्होंने चांदी की कुल्हाड़ी लेकर वापस आये, लेकिन इस बार भी लकड़हारे ने कहा कि ये कुल्हाड़ी उसका भी नहीं है।
अब नदी के भगवान पानी में फिर से गायब हो गए और अब की बार वो एक लोहे की कुल्हाड़ी के साथ वापस आ गए – लकड़ी का कुल्हाड़ी देखकर लकड़हारा मुस्कुराया और कहा कि यह उसकी कुल्हाड़ी है।
नदी के भगवान ने लकड़हारे की ईमानदारी से प्रभावित होकर उसे सोने और चांदी की दोनों कुल्हाड़ियों से भेंट किया।
Lakadhara Aur kulhadi Story से आपको क्या सीख मिली?
उत्तर: इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है।
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