खिलौनों की दुकान कविता – Short Poem in Hindi
खिलौनों की दुकान खुली है,
चमकती है यहाँ हर रात।
देखो रंग-बिरंगे खिलौने,
बच्चों को ले जाते हैं ख्वाबों की ऊँचाई पर।
गुड़िया बनी है रानी,
बंधने आई है सारी खानी।
कार, ट्रेन और हेलीकॉप्टर,
यहाँ सब मिलते हैं छोटे-छोटे सपनों के सफर।
टेडी बियर गले लगाए,
खिलौनों की दुनिया में बहकाए।
घुमाए खिलौना जूला,
बच्चों को ले जाता है मीठी सी धूम में।
गोलू-मोलू, लालू-कालू,
छोटे बच्चों के दिलों की जादू।
खेलते हैं सब मिलकर,
खिलौनों की दुकान में सब कुछ संभालकर।
खिलौनों की दुकान में रंगीनी,
हंसी-मज़ाक और मिठास की जगह।
खिलौनों का सफर यहाँ से वहाँ,
जगमगाते हैं यहाँ बच्चों के सपने की राह।
खिलौनों की दुकान बंद होती है,
सपनों की जगह बन जाती है।
पर खिलौने जीवन के भीतर हैं सदैव,
खेलते रहें बच्चों के दिल के तार।