बढ़ती जनसंख्या कविता हिंदी में – Badhatee Janasankhya Kavita in Hindi

बढ़ती जनसंख्या कविता – Short Poem in Hindi

बढ़ती जनसंख्या, भूमि का बोझ बढ़ाती है,
जीवन की लड़ाई में, चुनौतियाँ पैदा करती है।
आवाज़ उठाएं, जनसंख्या की परेशानियों पर,
समाज को जागरूक करें, समस्याओं का समाधान करें।

अनुशासन से बचे, जनसंख्या के आवेगों से,
पर्यावरण की हिफाज़त को साथ ले चलें।
नियंत्रित बढ़ती जनसंख्या, हमारा लक्ष्य होना चाहिए,
सुख और समृद्धि की राह पर, मनुष्यता की प्रगति को ध्यान देना चाहिए।

शिक्षा को पहुँचाएं, जनसंख्या के हर गांव तक,
जागरूकता का सन्देश दें, सामरिक सुविधाएँ बढ़ाएं।
स्त्री शिक्षा, जनसंख्या के निर्माण में महत्वपूर्ण है,
मानवता के आदर्शों को हम साथ ले चलें।

जनसंख्या के प्रबलीकरण को समझें, उसकी चुनौतियों का अनुभव करें,
नए विचारों का स्वागत करें, जनसंख्या के परिवर्तनों को ग्रहण करें।
साथ मिलकर चलें, समान अवसरों की ओर,
जनसंख्या को नियंत्रित करें, मानवता की उन्नति की दोहरी डोर।

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