दोस्तों हमने आपके लिये यहाँ Ghar Ki Bheed Kavita in Hindi – घर की भीड़ कविता हिंदी में लेकर आये हैं,
घर की भीड़ कविता – Short Poem in Hindi
घर की भीड़ है खुशियों का मेला,
प्यार और आपसी संबंधों की मधुर वेला।
छोटे-छोटे बच्चे, माता-पिता का आशीर्वाद,
घर की भीड़ में होता है खुशियों का आविर्भाव।
रंगीन दिवाली की रौशनी और धूमधाम,
साथ बिताए वक्त में होता है आनंद-गान।
परिवार की चहल-पहल, उमंगों की बौछार,
घर की भीड़ में होता है संगीत सार।
माँ की ममता, पिता की देखभाल,
भाई-बहनों का प्यार, सब कुछ अपना महसूस कराता है।
खुशियों की गूंज, हंसी की मीठी आवाज,
घर की भीड़ में होता है प्रेम का साज।
संगठित बैठकर होती है मिठास की बातें,
सभी मिलकर खाने-पीने की रस्मों में हंसी ख़ुशियों की हो जाती हैं।
दुखों के साथ भी बाँटने का होता है रोज़गार,
घर की भीड़ में होता है खुशियों का अस्तित्व सद।
घर की भीड़, ख़ुशियों की बस्ती होती है,
प्रेम और सहयोग की वादियों में ख़ुदा होती है।
सब मिलकर जीने की आनंदमयी धुन,
घर की भीड़ में होती है जीवन की विशेष अनुभूति का जहाँ।
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