Apathit Gadyansh – 6 अपठित गद्यांश या पद्यांश पर आधारित प्रश्न और उत्तर

Apathit Gadyansh – 6 अपठित गद्यांश या पद्यांश पर आधारित प्रश्न और उत्तर, अपठित गद्यांश किसे कहते हैं? अपठित गद्यांश से पूछे जाने वाले सवाल और उनके उत्तर। इस लेख में आपको 6 अपठित गद्यांश दिए गए हैं, जो पहले भी अलग-अलग प्रतियोगिता परीक्षा में तरीके से पूछे जा चुके हैं। अपठित गद्यांश हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण भाग है और यह छोटे प्रतियोगिता परीक्षा और स्कूल परीक्षा जैसे कक्षा 4, कक्षा 5, कक्षा 6, कक्षा 7, कक्षा 8, कक्षा 9, कक्षा 10, कक्षा 11, कक्षा 12 की परीक्षाओं में पूछा जाता है।

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दोस्तों, यदि आप स्कूल में सामान्य हैं और आप परीक्षा के दृष्टिकोण से अपठित गद्यांश या पद्यांश देखना चाहते हैं तो आप ये सभी अपठित गद्यांश पढ़कर अपने परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।

Apathit Gadyansh – 6 अपठित गद्यांश या पद्यांश पर आधारित प्रश्न और उत्तर

Apathit Gadyansh – अपठित गद्यांश या पद्यांश पर आधारित प्रश्न और उत्तर

यहाँ 6 अपठित गद्यांश दिए हैं और साथ में उससे जुड़े प्रश्न और उनके उत्तर भी दिए गए हैं।

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गद्यांश अथवा पद्यांश पर आधारित प्रश्नों उत्तर देना भी संक्षेपण या सार लेखन -जैसा ही कार्य है | इसमें भी मूल भावों की रक्षा की जाती है और इसका भाषा एवं शैली सरल हुआ करती है |

अंतर सिर्फ इतना है कि इस पर आधारित विभिन्न प्रकार के प्रश्न रहते है, जिनका उत्तर देना होता हैं | ऐसे हिंदी में ‘समझ’ और अंग्रेजी में ‘Comprehension’ कहा जाता है |

अपठित गद्यांश के प्रश्नों का उत्तर किस प्रकार दें?

Apathit Gadyansh – गद्यांश या पद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए और अधिकतम अंकों की प्राप्ति के लिए निम्नलिखित बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए–

प्रश्नो के पढ़ने से पहले गद्यांश या पद्यांश को दो – तीन बार अच्छी तरह पढ़कर मूल भाव को समझ लें |
एक – एक प्रश्न की प्रकृति और उत्तर की अपेक्षा के अनुसार गद्यांश/पद्यांश से उत्तर लिखें |
उत्तर आपकी अपनी भाषा में हो, अवतरण की भाषा में नहीं |
अपने मन से अवतरण में कही गई मूल बातों को तोड़ – मरोड़ कर या विरोधपूर्ण न लिखें |
आपका शीर्षक पूरे अवतरण को संकेत करने वाला और छोटा एवं सार्थक हो |
अवतरण पर आधारित भाषा-संबंधी प्रश्नों उत्तर के अनुसार ही हो |
अवतरण में लिखित परिभाषित या व्यक्तिवाचक संज्ञाओं के रूप में परिवर्तित न करें |

छोटे स्तर की प्रतियोगिताओं और बोर्ड परीक्षाओं में अपठित गद्यांश से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। स्पष्ट है कि इसका अभ्यास नितांत आवश्यक है। थोड़ा सा ध्यान देने पर इसमें छात्रों को पूरे अंक मिलते हैं।

अपठित गद्यांश 1 (Apathit Gadyansh)

साक्षी है इतिहास हमीं पहले जागे हैं,
जाग्रत सब हो रहे हमारे ही आगे हैं।
शत्रु हमारे कहाँ नहीं भय से भागे हैं ?
कायरता से कहाँ प्राण हमने त्यागे हैं ?
है हमी प्रकंपित कर चुके, सुरपति तक का भी हृदय।
फिर एक बार है विश्व तुम, गाओ भारत की विजय।।
कहाँ प्रकाशित नहीं रहा है तेज हमारा,
दलित कर चुके शत्रु सदा हम पैरों द्वारा।
बतलाओं तुम कौन नहीं जो हमसे हारा ,
पर शरणागत हुआ कहाँ कब हमें न प्यारा !
बस युद्ध मात्र को छोड़कर कहाँ नहीं है हम सदय !
फिर एक बार हे विश्व तुम, गाओ भारत की विजय !

प्रश्न 1. पहले जागे है‘ से क्या तात्पर्य है?

उत्तर 1. पहले जागे हैं से तात्पर्य है कि भारत में ही जागृति की पहले पहल लहर आई थी।

प्रश्न 2. “हैं हमी प्रकंपित कर चुके सुरपति तक का भी हृदय”- कथन से हमारी किस विशेषता का बोध होता है ?

उत्तर 2. मे कथन से भारतीयों के साहस और संघर्ष करने की विशेषताओं का पता चलता है।

प्रश्न 3. उन पंक्तियों को उद्धृत कीजिए जो हमारी दयालुता और क्षमाशीलता की ओर संकेत कीजिए।

उत्तर 3. वे पंक्तियाँ हैं-
‘‘पर शरणागत हुआ कहाँ कब हमें न प्यारा !
बस युद्ध मात्र को छोड़़ कहाँ नहीं हैं हम सदय !

प्रश्न 4. भाव स्पष्ट कीजिए- ‘बस युद्ध मात्र को छोड़कर कहाँ नहीं हैं हम सदय।’

उत्तर 4. इस पंक्ति का भाव यह है कि हम युद्ध मे तो लड़ते हैं परन्तु युद्ध के अलावा हमारे हदय में दूसरों के लिए दया की भावन रहती है।

प्रश्न 5. विश्व को भारत का जयघोष करने के लिए क्यों कहा गया है ? दो कारणों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर 5. विश्व को भारत का जयघोष करने के दो कारण हैं-
(a) भारत अपने शत्रुओं को युद्ध में करारी हार दे चुका हैं।
(b) इसने सबसे पहले ज्ञान प्राप्त किया और शरणागत की रक्षा की।

अपठित गद्यांश 2 (Apathit Gadyansh)

दैनिक जीवन में हम अनेक लोगों से मिलते हैं जो विभिन्न प्रकार के काम करते हैं-

सड़क पर ठेला लगानेवाला, दूधवाला, नगर निगम के सफाई कर्मीए बस कंडक्टरए स्कूल अध्यापकए हमारा सहपाठी और ऐसे ही कई अन्य लोग। शिक्षा, वेतन, परंपरागत चलन और व्यवसाय के स्तर पर कुछ लोग निम्न स्तर पर कार्य करते हैं तो कुछ उच्च स्तर पर। एक माली के कार्य को सरकारी कार्यालय के किसी सचिव के कार्य से अति निम्न स्तर का माना जाता है, किन्तु यदि अपने कार्य को कुशलतापूर्वक करता है और उत्कृष्ट सेवाएँ में ढिलाई बरतता है तथा अपने उत्तरदायित्वों का निर्वाह नहीं करता। क्या आप ऐसे सचिव को एक आदर्श अधिकारी कह सकते हैं? वास्तव में पद महत्वपूर्ण नहीं हैं, बल्कि महत्वपूर्ण होता है कार्य के प्रति समर्पण भाव और कार्य-प्रणाली में पारदर्शिता।

इस सन्दर्भ में गाँधीजी धीजी से उत्कृष्ट उदाहरण और किसका दिया जा सकता है, जिन्होंने अपने हर कार्य को गरिमामय मानते हुए किया। वे अपने सहयोगियों को श्रम की गरिमा की सीख दिया करते थे। दक्षिण अफ्रीका में भारतीय लोगों के लिए संघर्ष करते हुए उन्होंने सफाई करने जैसे कार्य को भी कभी नीचा नहीं समझा और इसी कारण स्वयं उनकी पत्नी कस्तूरवा से भी उनके मतभेद हो गए थे।

बाबा आमटे ने समाज द्वारा तिरस्कृत कृष्ट रोगियों की सेवा में अपना समस्त जीवन समर्पित कर दिया। सुन्दरलाल बहुगुणा ने अपने प्रसिद्ध चिपको आन्दोलन के माध्यम से पेड़ों को संरक्षण प्रदान किया। फादर डेमियन ऑफ मोलोकाई, मार्टिन लूथर किंग और मदर टेरेसा – जैसी महान आत्माओं ने इसी सत्य को ग्रहण किया।

इनमें से किसी ने भी कोई सत्ता प्राप्त नहीं की, बल्कि अपने जनकल्याणकारी कार्यों से लोगों के दिलों पर शासन किया। गाँधी जी का स्वतंत्रता के लिए संघर्ष उनके जीवन का एक पहलू है, किन्तु उनका मानसिक क्षितिज वास्तव में एक राष्ट्र की सीमाओं में बंधा हुआ नहीं था। उन्होंने सभी लोगों में ईश्वर के दर्शन किए। यही कारण था कि कभी-किसी पंचायत तक के सदस्य नहीं बनने वाले गाँधीजी की जब मृत्यु हुई तो अमेरिका का राष्ट्रध्वज भी झुका दिया गया था।

प्रश्न 1. उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक दीजिए।

उत्तर 1. उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक है-काम के प्रति समर्पण।

प्रश्न 2. विभिन्न व्यवसाय करनेवाले लोगों के समाज में निम्न स्तर और उच्च स्तर को किस आधार पर तय किया जाता है?

उत्तर 2. विभिन्न व्यवसाय करनेवाले लोगों का निम्न स्तर और उच्च स्तर शिक्षाए वेतन, परंपरागत चलन और व्यवसाय के आधार पर तय किया जाता है।

प्रश्न 3. एक माली तथा सफाई कमी का कार्य किसी सचिव के कार्य से बेहतर कैसे माना जा सकता है?

उत्तर 3. जब एक माली या सफाई कर्मी अपने काम को कुशलतापूर्वक करता है और उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करता है तब उनका काम किसी सचिव के काम से बेहतर हो जाता है।

प्रश्न 4. ‘‘वास्तव में पद महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि महत्वपूर्ण होता है कार्य के प्रति समर्पण भाव और कार्य-प्रणाली में पारदर्शिता।’’ उपर्युक्त पंक्तियों को अपने शब्दों में समझाइए।

उत्तर 4. पद की गरिमा उतनी नहीं होती जितनी व्यक्ति की काम के प्रति समर्पित होने की भावना होती है। जो व्यक्ति पारदर्शिता से काम करता है उसके काम करने का ढंग उतना ही श्रेष्ठ माना जाता है।

प्रश्न 5. उस संदर्भ का उल्लेख कीजिए जिसके कारण गाँधीजी का अपनी पत्नी से मतभेद हो गया था।

उत्तर 5. उन दिनों गाँधी जी द0 अफ्रीका में थे। वे वहां भारतीयों के लिय संघर्ष कर रहे थे। वे सफाई करने को नीच काम नहीं मानते थे। गाँधीजी ने अपनी पत्नी कस्तूरबा से जब सफाई करने को कहा तब उनके पत्नी के साथ मतभेद हो गया।

प्रश्न 6. बाबा आमटे और सुन्दरलाल बहुगुणा किन महत्वपूर्ण कार्यों के लिए जाने जाते हैं ?

उत्तर 6. बाबा आमटे कुष्ठ रोगियों की सेवा करने के लिए तथा सुन्दरलाल बहुगुणा ‘चिपको अन्दोलन’ के द्वारा पेड़ों का संरक्षण करने के लिए जाने जाते हैं।

प्रश्न 7. गाँधीजी की मृत्यु पर अमेरिका ने उनके सम्मान में क्या किया था और क्यों ?

उत्तर 7. जब महात्मा गाँधी की मृत्यु हुई तब अमेरिका ने अपना राष्ट्र-ध्वज झुकाकर उन्हें सम्मान दिया। इसका कारण था- गाँधीजी का मानव मात्र के लिए किया गया संघर्ष।

प्रश्न 8. उपसर्ग और प्रत्यय अलग कीजिए- निर्धन,उपेक्षित।

उत्तर 8. उपसर्ग – निर्
प्रत्यय – इत

प्रश्न 9. उपर्युक्त गद्य-खंड से चुनकर तत्पुरुष समास के दो उदाहरण दीजिए।

उत्तर 9. तत्पुरुष समास के दो उदाहरण हैं-

(i) सफाई कर्मी और
(ii) राष्ट्रध्वज

अपठित गद्यांश 3 (Apathit Gadyansh)

निम्नलिखित अवतरणों /गद्यांशों को पढ़े तथा उसने प्रश्नो के सही उत्तर क्रमाक्षरो को गोल वृत्त से घेर दें | “भाई, जब तुम जानते हो की जो टूट गया, वह जुटता नहीं, तो तुझको यह भी मालूम होगा कि जिन निर्दोष व्यक्तियों को तुम मर डालते हो वे जीवित नहीं हो सकते | जब मरनेवाले को तुम जिन्दा नहीं कर सकते तो उन्हें मरते ही क्यों हो ? इससे तुमको क्या मिलता है ? इस तरह लोगों दहशत क्यों फैलाते हो ? बच्चो को अनाथ क्यों बनाते हो ? स्त्रियों को विधवा क्यों बनाते हो ? माता-पिता को पुत्रहीन क्यों बनाते हो, यह मार, काट, यह आतंक, ये सब तोडना ही तो है |”

अँगुलीमाल बुद्ध गिर पड़ा | उसकी आँखों से पश्चाताप के आँसू बहने लगे } गौतम बुद्ध ने प्यार से उसके माथे पर हाथ फेरा, उठाकर गले लगाया और साथ लेकर आगे बढ़ गए | आगे-आगे बुध और पीछे-पीछे अंगुलीमाल |

प्रश्न 1. बच्चो को कोण अनाथ बनाता था ?

(a) बुद्ध
(b) अंगुलीमाल
(c) भाई
(d) एक राक्षस

प्रश्न 2. किसने पश्चाताप के आंसू बहाए ?

(a) पिताजी
(b) अंगुलीमाल
(c) बुद्ध
(d) राजा

प्रश्न 2. अंगुलीमाल को किसने समझाया ?

(a) बुद्ध ने
(b) किसी ने नहीं
(c) राजा ने
(d) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 2. दहशत फैलाने का क्या अर्थ है?

(a) आतंक फैलाना
(b) शान्ति स्थापित करना
(c) मौत देना
(d) दुष्प्रचार करना

अपठित गद्यांश 4 (Apathit Gadyansh)

फ्रांस के प्रसिद्ध दार्शनिक रोमरोलां ने कहा था कि पूर्व में एक भयंकर आग लगी है जो की वहाँ के अंध विश्वाश एवं कुरीतियों रूपी झाड़-झखाड़ो को दग्ध करती हुई शीघ्र ही पाश्चात्य को भी अपनी चपेट में लेने वाली है | रोमरोलां का संकेत* स्पष्ट रूप से दयानन्द सरस्वती की और था जो कि भारतीय जन-जागरण के पुरोधा* के रूप में उभरकर सामने आए थे |

प्रश्न 1. उपर्युक्त गद्यांश में से रेखांकित शब्दों के विपरीतार्थक शब्द लिखिए |

प्रश्न 2. तारांकित (तारों के निशान वाले) शब्दों का अर्थ स्पष्ट कीजिए |

उत्तर 1.

आग – पानी
शीघ्र – विलंब
स्पष्ट – अस्पष्ट
भारतीय – अभारतीय
उत्तर 2.

दार्शनिक – दर्शन – शास्त्र का ज्ञाता
दग्ध – जला / झुलसा का ज्ञाता
संकेत – इशारा
पुरोधा – पुरोहित

अपठित गद्यांश 5 (Apathit Gadyansh)

प्राचीन काल में जनक महाराज विदेह में राज्य करते थे | मिथिला विदेह की राजधानी थी | मिथिला नगरी में राजमहल आस-पास कोई एक हजार संन्यासियों की पर्णकुटियाँ थी | मिथिला के सिंहासन पर बैठने पर भी महाराज जनक को फकीरी का शौक था | कहा जाता है कि महाराज जनक ज्ञानी थे | वे इस पढ़ राज काज चलते थे, मनो स्वयं परमात्मा के विनयशील सेवक है | सुबह से सायं तक सरे राज्य का प्रबंध करते, शत्रुओं का पता करते, अपराधी को दण्ड देते, लोक-कल्याण के उपाय करते और इतना सब कुछ करने पर भी वे किसी सांसारिक कार्य में लिप्त नहीं होते थे | इसलिए लोग उनको विदेह जनक कहते थे|

प्रश्न 1. विदेह की राजधानी कहाँ थी?

उत्तर 1. विदेह की राजधानी मिथिला थी |

प्रश्न 2. राजमहल के आसपास किन लोगों की कुटियाँ थीं ?

उत्तर 2. राजमहल के आस-पास संन्यासियों की कुटियाँ थीं |

प्रश्न 3. महाराज जनक को क्या शौक था ?

उत्तर 3. महाराज जनक को फकीरी का शौक था |

प्रश्न 4. महाराज जनक परमात्मा से अपना क्या संबंध रखते थे ?

उत्तर 4. महाराज जनक का परमात्मा संबंध सेवक जैसा था |

प्रश्न 5. महाराज जनक राज्य चलाने के लिए क्या-क्या कार्य करते थे ?

उत्तर 5. महाराज जनक राज्य चलाने के लिए निम्नलिखित कार्य करते थे |

राज्य का प्रबंध करना |
शत्रुओं का पता एवं अपराधियों को दंड देना |
लोक-कल्याण के उपाय करना |

अपठित गद्यांश 6 (Apathit Gadyansh)

बहुत समय पहले, एक मनुष्य न अकस्मात दो पत्थरों को इकट्ठा कर रगड़ा और आग पैदा की | इस प्रकार उसने एक लाभदायक खोज की ; परन्तु हम इस मनुष्य का नाम नहीं जानते है | मनुष्य एक बेघर बिचरनेवाला प्राणी था जो कि अपने खाने की खोज में एक स्थान से दूसरे स्थान जाता रहता था | किसी खेती-बाड़ी की खोज की | इससे मनुष्य के रहने के ढंग में एक महान परिवर्तन आया | अब उसे भोजन की खोज में इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं थी | काफी समय के पश्चात किसी ने पहिये का आविष्कार किया | आजकल साइकिलें, कारे तथा बसें ऐसे प्रयोग में लाते है |

प्रश्न 1. बहुत समय पहले मनुष्य द्वारा किये गए खोजों और आविष्कारों के नाम लिखे |

उत्तर 1. मनुष्य की मुख्य खोजें आविष्कार है – आग, खेती-बाड़ी और पहिया |

प्रश्न 2. मनुष्य के रहने के ढंगों में कौन-सी खोज महान परिवर्तन लायी ?

उत्तर 2. खेती बाड़ी की खोज मनुष्य जीवन एवं रहन सहन में महान परिवर्तन लायी थी।

प्रश्न 3. किसान बन जाने के बाद मनुष्य ने एक स्थान से दूसरे स्थान पर भटकना क्यों बंद कर दिया ?

उत्तर 3. किसान बन जाने के बाद मनुष्य ने एक स्थान से दूसरे स्थान पर भटकना क्यों बंद किया कि उसने अपनी आवश्यकता के लिए स्वयं अनाज उगाना आरम्भ कर दिया था |

प्रश्न 4. पहिये के आविष्कार का आज क्या महत्व है ?

उत्तर 4. पहिये का प्रयोग साइकिलों, कारों, बसों, रेलों आदि में किया जाता है इससे आज इसका महत्व काफी बढ़ गया है |

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